एसोफैजियल कैंसर एक गंभीर और जटिल बीमारी है जो ग्रासनली (Esophagus) की कोशिकाओं में शुरू होती है। ग्रासनली एक लंबी, खोखली नली होती है जो गले से पेट तक जाती है और भोजन को निगलकर पेट तक पहुँचाने का कार्य करती है। इस प्रकार का कैंसर शरीर के पाचन तंत्र में रुकावट, दर्द और गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। समय पर पहचान और उचित उपचार से इसके प्रभाव को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
इस ब्लॉग में हम एसोफैजियल कैंसर के कारणों, लक्षणों, प्रकारों, उपचार विकल्पों, संभावित जटिलताओं और इससे बचाव के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
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एसोफैजियल कैंसर क्या है?
एसोफैजियल कैंसर तब होता है जब ग्रासनली की परत में मौजूद कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन (mutation) होने लगते हैं। यह परिवर्तन कोशिकाओं को असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने के संकेत देता है। स्वस्थ कोशिकाओं के मरने के बजाय ये कैंसर कोशिकाएं जीवित रहती हैं और निरंतर बढ़ती रहती हैं, जिससे ट्यूमर (गांठ) बनती है। समय के साथ यह ट्यूमर आसपास के ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है और शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है, जिसे मेटास्टेटिक कैंसर कहा जाता है।
एसोफैजियल कैंसर के प्रकार
एसोफैजियल कैंसर को उसके कोशिकीय उत्पत्ति के आधार पर कई प्रकारों में विभाजित किया जाता है। सबसे सामान्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
